श्री हर - गौरी साधना
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भगवान शिव जी तो औघड़ दानी है फिर माँ शक्ति का वरदान भी साथ हो तो सोने पे सुहागा माना जाता है | हर गौरी साधना भी इन्हीं साधनाओ में एक है जो साधको को सम्पूर्ण सुख सौभाग्य की प्राप्ति सहज ही करा देती फिर चाहे किसी मंगल कार्य में वाधा हो या शादी न हो रही हो और बेरोजगार हो जा कोई विशेष कार्य ना बन रहा हो, कार्य में बार-बार बाधा आ रही हो माँ गौरी के आशीर्वाद से समस्त बाधाएं हट जाती ................................
विधि –
- यह साधना धैर्य के साथ करे | इस के लिए वस्त्र पीले अथवा सफ़ेद ज्यादा उचित रहते है | आप लाल रंग के वस्त्र भी धारण कर सकते हैं |
- आसन लाल या पीला ले |
- दिशा – उतर दिशा सब से उचित है | साधक पूर्व दिशा में मुख भी कर सकते है |
- साधना काल में अखंड घी की ज्योत लगा सकते है |
- भोग खीर और मेवो का लगाये | फल और पुष्प धूप दीप से पूजन करे माँ गौरी को सिंगार और चुनरी भेंट करे भगवान शंकर जी को सफ़ेद वस्त्र और गणेश जी को पीला वस्त्र सवा दो-दो मीटर का भेंट करे | एक लकड़ी के बेजोट पर पीला वस्त्र विछाकर भगवान शिव और माँ पार्वती का सुंदर चित्र स्थापित करे साथ में गणेश जी अथवा सद्गुरुदेव जी का चित्र स्थापित करे उसका पूजन एवं गणेश जी का पूजन पंचौपचार विधि से करे।
- साधना काल में अखंड घी की ज्योत लगाये जो पूरी रात्री जलती रहे | सद्गुरुदेव जी का पूजन कर साधना हेतु मानसिक आज्ञा ले फिर गणेश पूजन कर भगवान शंकर और माँ गौरी का पूजन कर अपनी मनोकामना 5 वार बोले फिर निम्न मंत्र की 51 माला जप करे | साधना के दोरान बहुत दिव्य अनुभव होते है इस लिए अपने गुरु जी के सिवा किसी से इन की चर्चा ना करे | यह मंत्र मुझे अपने एक बरिष्ट गुरु भाई से प्राप्त हुया था | इस के और भी बहुत से लाभ हैं |