Friday, April 4, 2014

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राशि फल  -- कितना  सत्य 
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राशिफल- कितना सत्य
वैदिक ज्योतिष में 12 राशियाँ बतायी गयी है. ये 12 राशियाँ विविध गोल एवं ग्रहों के क्षेत्रफल के अध्ययन में सुविधा के लिए उन ग्रहों या गोलों को बारह भागों में बांटती हैं. जिस प्रकार विषुवत रेखा पृथ्वी को बीच से दो भागो में बांटती है. कर्क रेखा धरती के एक तीसरे हिस्सा को दिखाती है. उसी प्रकार प्रत्येक ग्रह को उसके अध्ययन के लिए बराबर बराबर बारह भागों में बांटा गया है. इन बारह भागों को क्रमशः मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्घ एवं मीन कहा जाता है. राशि का अर्थ होता है ढेरी, संग्रह अथवा समूह. इस प्रत्येक राशि, भूखंड, भूभाग या ग्रहखंड का क्षेत्रफल 30 अंश का होता है. क्योंकि एक वृत्त या गोला 360 अंशों का होता है. इस प्रकार 12 भागों का पूरा क्षेत्रफल 360 अंश का होगा. फिर एक राशि को अध्ययन की सुविधा से सवा दो भागों में बांटा गया है. इस प्रत्येक भाग को नक्षत्र कहते हैं. इस प्रकार प्रत्येक नक्षत्र 13 अंश 20 कला का होता है. एक अंश में 60 कलाएं होती हैं. इस प्रकार प्रत्येक नक्षत्र 800 कला का होता है. प्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में बांटा गया है. इस प्रकार प्रत्येक चरण 200 कला का होता है. राशिफल चन्द्रमा के आधार पर कहा जाता है. चन्द्रमा की औसत गति 800 कला प्रतिदिन होती है. तात्पर्य यह कि चन्द्रमा एक दिन में 13 अंश 20 कला औसत मान से प्रत्येक दिन चलता है.
पूरे विश्व की आबादी आज लगभग पंद्रह अरब के आस पास है. अर्थात एक राशि के अन्दर लगभग एक सौ पच्चीस करोड़ (125,0000,00) आदमी आते है. अब यदि किसी एक राशि के बारे में यह भविष्य वाणी होती है कि आज मेष राशि वालों की दुर्घटना होगी. तो क्या यह संभव है कि एक सौ पच्चीस करोड़ (125,0000,00) आदमियों की दुर्घटना एक ही दिन में हो जाय? यह भविष्य वाणी सत्य से कोसो दूर है. ऊपर के गणितीय आंकड़ों से हम खुद ही देख सकते है कि राशिफल एक अरब पच्चीस करोड़ आदमी में एक हजार के लिए ही सच साबित हो सकता है. शेष एक अरब चौबीस करोड़ निन्यानबे लाख निन्यानबे हजार लोगो के लिए यह गलत होगी. इसलिए राशिफल व्यक्तिगत भविष्यवाणी के लिए सर्वथा असत्य, अनुचित, एवं अप्रमाणित है. व्यक्तिगत भविष्यफल के लिए यह देखना चाहिए कि व्यक्ति का जन्म किस राशि के किस नक्षत्र के किस चरण के किस नवांश में हुआ है. चूंकि एक राशि में तीस अंश होते है. एक अंश साठ कला का होता है. तो तीस अंश में अट्ठारह सौ कला होगा. अगर हम एक अरब पच्चीस करोड़ को अट्ठारह सौ से भाग देते है तो लगभग 68000 लोग आते है. अब हम इसका नवांश निकालते है तो साढे सात हजार लोग आते है. जो सत्य के एकदम नजदीक है. कारण यह कि यदि किसी नक्षत्र के एक नवांश का फल किसी दिन दुर्घटना बताता है तो समूचे संसार में 150,0000 0000 (एक सौ पचास करोड़) आदमियों में से सात हजार आदमी छोटी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकते है. यह प्रामाणिक है. जो संसार में लगभग प्रतिदिन होता है.
शास्त्रों के अनुसार राशिफल बड़े भूखंडो, देश या राज्यों के सम्बन्ध में भूकंप बाढ़, उल्कापात, युद्ध, महामारी एवं सूर्य तथा चन्द्र ग्रहण बड़ी आबादी अथवा किसी वर्ग समुदाय के सम्बन्ध में प्रामाणिक एवं सच होता है. और एक आदर्श त्रिकालदर्शी विद्वान ज्योतिषी को सदा राशिफल राष्ट्र अथवा विश्व के परिप्रेक्ष्य में कहना चाहिए न कि किसी व्यक्ति विशेष के बारे में. इसीलिए महर्षि पाराशर तथा वाराह मिहिर आदि प्राचीन ज्योतिषाचार्यों ने कहा है कि-
"गणितेषु प्रवीणों यः शब्दशास्त्रे कृतश्रमः. न्यायविदबुद्धिदेशज्ञ दिक्कालज्ञो जितेन्द्रियः. ऊहापोहपटुर्होरास्कंधश्रवणसम्मतः. मैत्रेय सत्यताम याति तस्य वाक्यं न संशयः.

(बृहत् पाराशर होराशास्त्र अध्याय 43 श्लोक 49 एवं 50.)

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