Friday, May 10, 2013

pranam ka  mahtwa

इस साधना को करने के बाद आप अपने शत्रुओं का स्तम्भन कर सकते है ! यह साधना बहुत सरल है इस साधना से शत्रु की गतिविधिया रुक जाती है और वह पराजित हो जाता है !
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ॐ नमो नमो नमो चामुण्डा माई
कालिया भैरूआ सुकिया समुकिया
इन्ही वैरी बला को बांध,
बांध याकु मुख बांध चित बांध
बुद्धि बांध हाथ बांध पांव बांध
चिरा चिरमिरी बांध,
आँख नाक कांख अंग अंग बांध
जो न बांधे तो चमार को चमरोद
चंडाली की कुण्डी में गिर,
लोना चमारी की अरज
सौ सौ महाकाल की आन,
अलख निरंजन फु फु करे
मेरो वैरी को वैर जरे,
मन्त्र सांचा पिंड काचा गुरु की शक्ति !

|| विधि ||

इस मन्त्र को अष्टमी से शुरू करे रात्रि 10 बजे के बाद माँ का पूजन करे और फिर गुरुमंत्र की एक माला जाप करे और फिर इस मन्त्र की एक माला जपे अंत में दोबारा गुरुमंत्र की एक माला जपे !

ऐसा नवमी तिथि तक करे और माँ को नारीयल और श्रृंगार का सामान भेंट करे और कम से कम एक कन्या का पूजन कर उसे भोजन और दक्षिणा दे !

|| प्रयोग ||

जब प्रयोग करना हो तो इस मन्त्र को सात बार जपकर शत्रु की तरफ फूक मार दे, शत्रु स्तंभित हो जायेगा !

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