रामायण की चौपाई के प्रयोग "
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*************************रोजगार
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बिस्व भरण-पोषण कर जोई।
ताकर नाम भरत अस होई।।
गई बहोर गरीब नेवाजू।
सरल सबल साहिब रघुराजू।।
विपत्ति निवारण
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जपहि नामु जन आरत भारी।
मिटाई कुसंकट होहि सुखारी।।
परीक्षा में सफलता
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जेहि पर कृपा करहि जनु जानी।
कवि उर अजिर नचावहि बानी।।
मोरि सुधारिहि सा सब भांती।
जासु कृपा नहि कृपा अघाती।।
विद्या प्राप्ति
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गुरू गृह गए पढन रघुराई।
अलप काल विद्या सब आई।।
यात्रा में सफलता
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प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
ह्वदय राखि कौसलपुर राजा।।
परिवार सुख
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जबते राम ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बढ़ाए।।
नवग्रह शांति
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मोहि अनुचर कर केतिक बाता।
तेहि महं कुसमउ बाम विधाता।।
कुमार्ग से बचाव
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रघुवसिन कर सुभाऊ।
मन कुपंथ पग धरहि न काऊ।।
प्रेत बाधा निवारण
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प्रनवऊं पवन कुमार खल वन पावक
( जिस चौपाई का प्रयोग करना उसे == रामायण हवन सामग्री == से
मंगलवार/ शनिवार रात १० बजे के बाद हवन करें एवं नित्य १०८ बार
नियमित रूप से जपें ... हनुमान जी की पंचोपकार पूजन करें = सफलता प्राप्त होगी ) रमेश दुबे ....
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