Thursday, December 19, 2013

मार्तंड भैरव 
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भैरवा ऊचुः 

नमो मार्ताण्डनाथाय स्थाणवे परमात्मने | 
भैरवाय सुभीमाय त्रिधाम्नेश नमो नमः | | 1 | | 
मृतोद्धारणदक्षाय गर्भोद्धरणहेतवे | 
तेजसां केतवे तुभ्यं हेतवे जगतामपि | | 2 | | 
हिरण्यगर्भरूपाय धीप्रणोदाय ते नमः | 
ओङ्कारव्याहृतिस्थाय महावीराय ते नमः | | 3 | | 
वीरेशाय नमस्तुभ्यं क्षेत्रेशाय नमो नमः |
वेदार्थाय च वेदाय वेदगर्भाय शम्भवे | | 4 | |
विश्वामित्राय सूर्याय सूरये परमात्मने |
महाभैरवरूपाय भैरवानन्ददायिने | | 5 | |
द्विविधध्वान्तध्वंसाय महामोहविनाशिने |
मायान्धकारनाशाय चक्षुस्तिमिरभञ्जिने | | 6 | |
मन्त्राय मन्त्ररूपाय मन्त्राक्षरविचारिणे |
मन्त्रवाच्याय देवाय महामन्त्रार्थदायिने | | 7 | |
यन्त्राय यन्त्ररूपाय यन्त्रस्थाय यमाय ते |
यन्त्रैर्नियन्त्रैर्नियमैर्यमिनां फलदाय च | | 8 | |
अज्ञानतिमिरध्वंसकारिणे क्लेशहारिणे |
महापातकहर्त्रे च महाभयविनाशिने | | 9 | |
भयदाय सुशीलाय भयानकरवाय ते |
बीभत्साय च रौद्राय भीताभयप्रदायिने | | 10 | |
तेजस्वितेजोरूपाय चण्डायोग्राय ते नमः |
बीजाय बीजरूपाय बीजभर्गाय ते नमः | | 11 | |
क्रोधभर्गाय देवाय लोभभर्गाय ते नमः |
महाभर्गाय वै तुभ्यं ज्ञानभर्गाय ते नमः | | 12 | |
घोरभर्गाय ते तुभ्यं भीतिभर्गाय ते नमः |
सुशोकाय विशोकाय ज्ञानभर्गाय ते नमः | | 13 | |
तत्त्वभर्गाय देवाय मनोभर्गाय वै नमः |
दारिद्र्यदुःखभर्गय कामभर्गाय ते नमः | | 14 | |
हिंसाभर्गाय तामिस्रभर्गाय जगदात्मने |
अतिदुर्वासनाभर्ग नमस्ते भैरवात्मने | | 15 | |
ध्यायन्ते यं भर्ग इति भर्गभर्गाय ते नमः |
रोगभर्गाय देवाय पापभर्गाय ते नमः | | 16 | |
महापातकभर्गाय ह्युपपातकभर्गिणे |
महानिरयभर्गाय नृत्तभर्गाय ते नमः | | 17 | |
क्लेशभर्गाय देवाय भौतिकघ्नाय ते नमः |
मृत्युभर्गाय देवाय दुर्गभर्गाय ते नमः | | 18 | |
ध्यानाद्ध्यायन्ति यद्भर्गं यमिनः संयतेन्द्रियाः |
नाथाय भर्गनाथाय भर्गाय सततं नमः | | 19 | |
वीरवीरेश देवेश नमस्तेस्तु त्रिधामक |
महामार्ताण्ड वरद सर्वाभयवरप्रद | | 20 | |
नमो वीराधिवीरेश सूर्यचन्द्रातिधामक |
अग्निधामातिधाम्ने च महामार्ताण्ड ते नमः | | 21 | |
वीरातिवीर वीरेश घोरघोरार्तिघोरक |
महामार्ताण्डदेवेश भूयो भूयो नमो नमः | | 22 | |

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