Wednesday, June 12, 2013


कन्याओं  के विवाह  के  लिए :--
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निम्न लिखित चौपाइयों का नित्य पाठ करने से कन्यायों का उत्तम और शीघ्र विवाह होता है रमेश दुबे .....................
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जय जय गिरिबरराज किशोरी -- जय महेस मुख चंद चकोरी 
जय गजबदन षडानन माता -- जगत जननी दामिनि दुति गाता
नहिं तव आदि मध्य अवसाना -- अमित प्रभाउ बेदु नही जाना 
भव भव बिभव पराभव कारिनि -- बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिन
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पति देवता सुतीय महूँ मातु प्रथम तव रेख ...
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेष ...
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सेवत तोहि सुलभ फल चारी -- बर-दायनी पुरारि पियारी
देवि पूजि पद कमल तुम्हारे --सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे
मोर मनोरथ जानहु नीकें -- बसहु सदा उर पुर सबही कें
कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं -- अस कहि चरन गहे वैदेही
विनय प्रेम बस भई भवानी -- खसी माल मूरति मुसकानी
सादर सिय प्रसादु सिर धरेऊ -- बोली गौरी हरषु हिय भरेऊ
सुनु सिय सत्य असीस हमारी --पूजिहि मन कामना तुम्हारी
नारद बचन सदा सूचि साचा -- सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा
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छं० -- मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो !! ...... करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो !!

....... एहि भाँती गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली
........तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली !!

सो० -- जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाई कहि ,
.........मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे !!!!
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प्रस्तुतकर्ता :-- रमेश दुबे ...........


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